अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक, ECMO और IABP सॅपार्ट पर
बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री (Former finance minister) अरुण जेटली (Arun Jaitley) की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. एम्स में भर्ती जेटली को वेंटिलेटर से हटा कर एक्स्ट्राकॉरपोरेल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) और इंट्रा-ऑर्टिक बलून पंप (आईएबीपी) सपोर्ट पर रखा गया है.
यहां उनका डायलिसिस भी किया जा रहा है. पीएम मोदी आज जा सकते हैं एम्स जेटली का हालचाल लेने के लिए पक्ष और विपक्ष के नेताओं का एम्स तांता लगा हुआ है.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सोमवार सुबह एम्स पहुंचे हैं. वहीं सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका हाल जानने के लिए आज एम्स जा सकते हैं. बता दें कि ECMO पर मरीज को तब रखा जाता है जब दिल, फेफड़े ठीक से काम नहीं करते हैं और वेंटिलेटर का भी फायदा नहीं होता है।
इससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है। इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और राम विलास पासवान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेता पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए रविवार को एम्स गए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जेटली के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए शुक्रवार को एम्स पहुंचे थे। नहीं लड़ा था 2019 का चुनाव पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके पास वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार था और सरकार के लिए वह संकटमोचक की भूमिका में रहे।
खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था। उस समय रेल मंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी।
पिछले साल अप्रैल की शुरुआत से ही वह कार्यालय नहीं आ रहे थे और वापस 23 अगस्त 2018 को वित्त मंत्रालय आए। लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी कराई थी।
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