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जम्मू-कश्मीर के कारगिल में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, शहीदों को दी श्रद्धांजलि


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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत के सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन विजय’ की 20वीं वर्षगांठ पर आज (शनिवार) जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं. राजनाथ सिंह ने द्रास में करगिल वॉर मेमोरियल में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी रक्षा मंत्री के साथ मौजूद रहे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने द्रास में करगिल वॉर मेमोरियल में विजिटर बुक पर हस्ताक्षर किए. बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जुलाई को दिल्ली में करगिल युद्ध विजय की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर नेशनल वॉर मेमोरियल पर विजय ज्योति जलाकर भारतीय सेना को सुपुर्द किया था.

जानकारी हो कि रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद राजनाथ सिंह की यह पहली जम्मू यात्रा है। इससे पहले तीन जून को वह कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र गए थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज कारगिल के द्रास आ रहे हैं। कारगिल विजय के 20 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में इस समय देशभर में कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। ऐसे में गत दिनों रक्षामंत्री ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में विजय मशाल को कारगिल के लिए रवाना किया था। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय मुख्य कार्यक्रम द्रास में 24 जुलाई से शुरू हो रहा है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिंह कठुआ जिले के उझ और सांबा जिले के बसंतर में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित दो पुल भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

उझ एक किलोमीटर लंबा पुल है जबकि बसंतर पुल की लंबाई 617.4 मीटर है। राजनाथ सिंह शनिवार को नयी दिल्ली से श्रीनगर पहुंचेंगे। सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत उनके साथ होंगे।

कश्मीर ,जम्मू और लद्दाख तीनों क्षेत्रों की यात्रा करेंगे और घाटी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तथा लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा भीतरी इलाकों में चलने वाले अभियानों का भी जायजा लेंगे। इसके बाद राजनाथ सिंह जम्मू जाएंगे और वहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे कारगिल युद्ध की खास बातें  जानकारी हो कि कारगिल युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर 3 जुलाई से 26 जुलाई के बीच लड़ा गया था।

इस युद्ध में भारत के 522 जवान शहीद हुए थे। इनमें 26 अफसर, 23 जेसीओ और 473 जवान शामिल थे। घायल सैनिकों की तादाद 1363 थी। युद्ध में पाकिस्तान के 453 सैनिक मारे गए थे। कारगिल की ऊंची चोटियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था। यहां करीब 5 हजार पाकिस्तानी सैनिक मौजूद थे। पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए भारतीय वायुसेना ने मिग-27 और मिग-29 का इस्तेमाल किया था।

भारत की ओर से 2 लाख 50 हजार गोले दागे गए थे। 300 से ज्यादा मोर्टार, तोप और रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला ऐसा युद्ध था, जिसमें दुश्मनों पर इतनी बमबारी की गई। (NEWSVIEW MEDIA NETWORK)